बरबर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बरबर † ^१ संज्ञा स्त्री॰ [अनु॰] व्यर्थ की बातें । बके बक । बकवाद । उ॰—सुनि भृगुपति के बैन मनही मन मुसक्यात मुनि । अबै ज्ञान यह है न, वृथा बकत बरबर वचन ।—रघुराज (शब्द॰) ।
बरबर ^२ वि॰ बड़बड़ानेवाला । बकवादी । उ॰—आलि ! बिदा करु बटुहि वेगि, बड़ बरबर ।—तुलसी ग्रं॰, पृ॰ ३४ ।
बरबर ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ बर्बर] दे॰ 'बर्बर' ।