बलु † ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰] दे॰ 'बल' । उ॰—जामवंत हनुमंत वलु कहा पचारि पचारि ।—तुलसी ग्रं॰, पृ॰ ८५ ।
बलु पु ^२ अव्य॰ [हिं॰] दे॰ 'बरु' उ॰—प्यास न एक बुझाई बुझै त्रैताप बलु ।—केशव (शब्द॰) ।