बल्कि अव्य॰ [फा॰] १. अन्यथा । इसके विरुद्ध । प्रत्युत । जैसे,—उसे मैंने नहीं उभारा बल्कि मैंने तो बहुत रोका । २. ऐसा न होकर ऐसा हो तो और अच्छा । बेहतर है । जैसे,—बल्कि तुम्हीं चले जाओ, यह सब बखेड़ा ही दूर हो जाय ।