बहिर् अव्य॰ [सं॰ बहिस् का समासप्रयुक्त रूप] १. बाहर । जैसे, बहिगंमन । २. बाहर का । बाहर से । उ॰—बहिर्रति सात अरु अंतर्रति सात सुन रति विपरीतनि को विविध बिचार है ।—केशव (शब्द॰) ।