बहिर्मुख

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

बहिर्मुख ^१ वि॰ [सं॰]

१. विमुख । विरुद्ध । पराङ्मुख ।

२. जो बाह्म विषयों में प्रवृत्त या दत्तचित्त हो ।

३. मुख के बाहर आया हुआ (को॰) । †

४. बहिष्कृत । बाहर किया हुआ । उ॰—तब वा नागर ने श्रीगुसाँई जी से बिनती करि कह्मो जो महाराज मेरी ज्ञाति के बहिर्मुख हैं ।

बहिर्मुख ^२ संज्ञा पुं॰ देवता [को॰] ।