बाइक
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बाइक पु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ वाचक, प्रा॰ वायक] दे॰ 'बायक' । उ॰—सतगुरु रहना सकल सूँ सब गुन रहिता बैन । रज्जब मानी साखि सो उस बाइक में चैन ।—रज्जब॰, बानी, पृ॰ ६ ।
बाइक पु ^२ वि॰ [सं॰ वाचिक, प्रा॰ वाइअ] दे॰ 'वाचिक' । उ॰— काइक बाइक मानसी कर्म न लागै ताहि ।—सुंदर ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ८०७ । यौ॰—बाइकविलास = वाग्विलास । वाग्जाल । वाणी का विलास । उ॰—तीजौ बाइकबिलास सु तौ सब वेद माँहि । बरनि के जहाँ लग बचन तै कह्यौ है ।—सुंदर ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ६२२ ।