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बाजा

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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बाजा संज्ञा पुं॰ [सं॰ वाद्य] कोई ऐसा यंत्र जो गाने के साथ यों ही, स्वर (विशेषतः राग रागिनी) उत्पन्न करने अथवा ताल देने के लिये बजाया जाता हो । बजाने का यंत्र । वाद्य । विशेष—साधारणतः बाजे दो प्रकार के होते हैं । एक तो वे जिनमें से स्वर या राग रागिनियाँ आदि निकलती हैं । जैसे, बीन, सितार, सारंगी, हारमोनियम, बाँसुरी आदि और दूसरे वे जिनका उपयोग केवल ताल देने में होता है । जैसे, मृदंग, तबला, ढोल, मजीरा, आदि । विशेष—दे॰ 'वाद्य' । क्रि॰ प्र॰—बजना ।—बजाना । यौ॰—बाजा गाना = अनेक प्रकार के बजते हुए बाजों का समूह ।