बाबू
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बाबू संज्ञा पुं॰ [हिं॰ बाप या बाबा]
१. राजा के नीचे उनके बंधु बांधवों या और क्षेत्रिय जमीदारों के लिये प्रयुक्त शब्द ।
२. एक आदरसूचक शब्द । भलामानुस । उ॰—(क) बाबू ऐसी है संसार तुम्हारा ये कलि है व्यवहारा । को अब अनख सहै प्रतिदिन को नाहिन रहनि हमारा ।—कबीर (शब्द॰) । (ख) 'आयसु' आदेश,' बाबू (?) भलो भलो भाव सिद्ध तुलसी विचारी जोगी कहत पुकारि हैं ।—तुलसी (शब्द॰) । विशेष— आजकल अंगरेजी पढ़े लिखे लोगों के लिये इस शब्द का व्यवहार अधिक होता है । यौ॰—बाबूपन=प्रतिष्ठित या सभ्य या शिक्षित होने का भाव । उ॰— हट जाओ सामने से, नहीं तो सारा बाबूपन निकास दूँगा ।—काया॰ पृ॰ २४० । बाबूसाहव=एक आदरसूचक संबोधन । †
३. पिता का संबोधन । बापू ।