बारहखड़ी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

बारहखड़ी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ द्वादश + अक्षरी, हिं॰ वारह + खड़ी] वर्णामाला का वह अंश जिसमें प्रत्येक व्यंजन में अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः इन बारह स्वरों को, मात्रा के रूप में लगाकार बोलते या लिखते हैं ।