बाष्प
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बाष्प संज्ञा पुं॰ [सं॰ बाष्प]
१. भाप ।
२. लोहा ।
३. अश्रु । आँसू ।
४. एक प्रकार की जड़ी ।
५. गौतम बुद्ध के एक शिष्य का नाम । यौ॰—बाष्पकंठ=गदगद कंठ । जिसका गला अश्रु के कारण भर आया हो । बाष्पकल=अश्रु आने के कारण अस्पष्ट और मधुर (ध्वनि) । बाष्पपूर, बाष्पप्रकर=आँसू की अधिकता या वेग । बाष्पमोक्ष, बाष्पमोचन=रुदन । रोना । आँसू गिरना । बाष्पविप्लव=अश्रुपूरित । अश्रु से छलकता हुआ बाष्पसंदिग्ध=दे॰ 'बाष्पकल' ।