बाहन
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बाहन ^१ संज्ञा पुं॰ [देश॰]
१. एक बहुत लंबा पेड़ जिसके पत्ते जाड़े के दिनों में झड़ जाते हैं । विशेष—इसके हीर की लकड़ी बहुत ही लाल और भारी होती है और प्रायः खराद और इमारत के काम में आती है ।
२. सफेदा नाम का एक पेड़ जो बहुत ऊँचा होता है और बहुत जल्दी बढ़ जाता है । विशेष—यह काश्मीर और पंजाब के इलाकों में अधिकता से पाया जाता हैं । इसकी लकड़ी प्रायः आरायशी सामान बनाने के काम में आती हैं ।
बाहन पु ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ वाहन] दे॰ 'वाहन' । उ॰—असवार डिगत बाहन फिरै भिरैं भूत भैरव बिकट ।—हम्मीर॰, पृ॰ ५८ ।