बिंब
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बिंब ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ बिम्ब]
१. प्रतिबिंब । छाया । अक्स ।
२. रवि । कमंडलु ।
३. प्रतिमूर्ति ।
४. कुंदरू नाम का फल ।
५. सूर्य या चंद्रमा का मंडल ।
६. कोई मडल ।
७. गिरगिट ।
८. सूर्य । (डिं॰) ।
९. उपमान ।
१०. झलक । आभास । उ॰—बिरह बिंब अकुलाय उर त्यों सुनि कछु न सुहाय । चित न लगत कहूँ कैसहूँ सो उद्वेग बनाय ।—पद्माकर (शब्द॰) ।
११. छंद विशेष । जैसे,—फल अधर बिंब जासो । कहि अधर नाम तासो । लहत द्युति कौन मूँगा । बर्णि जग होत गूँगा ।—गुमान (शब्द॰) ।
बिंब ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰] दे॰ 'बाँबी' । उ॰—साकट का मुख बिंब है निकसत बचन भुजंग । ताकी ओषधि मौन है विष नहिं व्यापै अंग ।—कबीर (शब्द॰) ।