सामग्री पर जाएँ

बिखरना

विक्षनरी से


प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

बिखरना क्रि॰ अ॰ [सं॰ विकीर्ण]

१. खंडों या कर्णों आदि का इधर उधर गिरना या फैल जाना । छितराना । तितर बितर होना ।

२. लट्टू होना । रीझना (लाक्ष॰) । उ॰—तुमने कुब्जा में रस देखा उसपर बिखरे ।—अपलक, पृ॰ १०१ ।