बिछाना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

बिछाना क्रि॰ स॰ [सं॰ विस्तरण]

१. (बिस्तर या कपड़े आदि को) जमीन पर उतनी दूर तक फैलाना जितनी दूर तक फैल सके । जैसे, बिछौना बिछाना, दरी बिछाना । उ॰— औ भुईँ सुरँग बिछाव बिछावा ।—जायसी ग्रं॰, पृ॰ १२८ ।

२. किसी चीज की जमीन पर कुछ दूर तक फैला देना । बिखेरना । बिखराना । जैसे, चूना बिछाना, बताशे बिछाना ।

३. (मार मारकर) जमीन पर गिरा या लेटा देना । संयो॰ क्रि॰—डालना ।—देना ।