बिलखना क्रि॰ अ॰ [हिं॰ अथवा सं॰ वि = (विपरीत) + लक्ष (= दिखाई देना = दुःख प्रकट करना)] १. विलाप करना । रोना । २. दुखी होना । उ॰—सुनहु भरत भावी प्रबल बिलखि कह्यो मुनिनाथ ।—तुलसी (शब्द॰) । २. संकुचित होना । सिकुड़ जाना ।