बीतना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

बीतना क्रि॰ अ॰ [सं॰ व्यतीत या वीत (जैसे,वीतराग)]

१. समय का विगत होना । वक्त कटना । गुजराना । उ॰— (क) चोरासी लक्षहु जीव झूलैं धरोंह रविसुत धाय । कोटिन कलप युग बीतिया मानै ना अजहुँ हाय ।—कबीर (शब्द॰) । (ख) जनम गयो वादहि चिर बीति । परमारथ पालन न करेउ कछु अनुदिन अधिक अनीत ।—तुलसी (सब्द॰) । (ग) कछु दिन पत्र मक्ष करि बीते कछु दिन लीन्हों पानी । कछु दिन पवन कुयो अनुप्रासन रोक्यो श्वास यह जानी ।—सूर (शब्द॰) ।

२. दूर होना । जाता रहना । छुट जाना । निवृत्त होना । ऊ॰—(क) सब बिधि सानुकूल लखि सीता । भा निसोच उर अपडर बीता । तुलसी—(शब्द॰) । (ख) मुनि बाल्मीकि कृपा सतो ऋष ि राममंत्र फल पायो । उलटा नाम जपत अघ बीत्यो पुनि उपदेश करायो ।—सूर (शब्द॰) ।

२. सघटित होना । घटना । पड़ना । उ॰—मन बच क्रम पल ओट न भावत छिन युग बरस सयाने । सूरश्याम के वश्य भप ये जेहि बीते लो जाने ।—सूर (शब्द॰) ।