बुनकर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

बुनकर संज्ञा पुं॰ [सं॰ वयन + कर] वस्त्र बुननेवाला । बलाई जुलाहा । उ॰— और बलाई बुनकरों का मुहल्ला (ठान) था ।— हिंदु॰ सभ्यता, पृ॰ २९६ ।

बुनकर वस्त्र बनाने वाला जिसे जुलाहा ,बलाई भी कहते है। पाषाण युग के बात जब मानव ने खेती आरम्भ की तो कपास भी होने लगा। कपास से सुत बनाकर वस्त्र बनाया गया। कपास से सूत और सूत से वस्त्र बनाने वाले को बुनकर कहा गया।

ऋग्रवेद मे भी बुनकरों का उल्लेख मिलता है। बुनकर ने वस्त्र बनाकर मानव समाज की बहुत बडी़ सेवा की है।