बूक
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बूक ^१ संज्ञा पुं॰ [देश॰] माजूफल की जाति का एक प्रकार का बड़ा वृक्ष । सलसी । विशेष— यह पूर्वी हिमालय में ५००० से ९००० फुट की ऊँचाई तक पाया जाता है और प्रायः ७५ से १०० हाथ ऊँचा होता है । इसकी लकड़ी यदि सूखे स्थान में रहे तो बहुत दिनों तक खराब नहीं होती । इस लकड़ी से खंभे, चौखटे और धरनें आदि बनाई जाती हैं । दारजिलिंग के आस पास के जंगलों में इससे बढ़कर उपयोगी और कोई वृक्ष कदाचित् ही होता है । वहाँ इसकी पत्तियों से चमडा भी सिझाया जाता है ।
बूक ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ बकोटा] हाथ के पंजों की वह स्थिति जो उँगलियों को बिना हथेली से लगाए किसी वस्तु को पकड़ने, उठाने या लेने के समय होती है । चंगुल । बकोटा । उ॰— पुनि सँधान बहु आनहिं परसहिं बूकहि बूक । करे सँवार गुसाई जहाँ परी कछु चूक ।— जायसी (शब्द॰) ।
बूक † ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ बुक्क(=वक्ष), बँ॰, बूक] कलेजा । हृदय । वक्ष ।