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बूच

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

बूच ^१ संज्ञा पुं॰ [अं॰ बूच] बड़ी मेख । (लश॰) । मुहा॰—बुच मारना= गोले या गोली आदि की मार से होनेवाले छेद को डाट लगाकर बंद करना ।

बूच ^२ संज्ञा पुं॰ [अं॰ बंच(= गुच्छा)] कपड़े, कागज या चमड़े आदि का वह टुकड़ा जो बदूक आदि में गोली या बारूद की यथास्थान स्थिर रखने के लिये उसके चारों ओर लगाया जाता है । (लश॰) ।

बूच ^३ वि॰ [सं॰ बुस(=विभाग करना) अथवा] [सं॰ व्यु च्छन्न, प्रा॰ वोच्छिन्न, बुच्छिन्न] रहित । वियुक्त । छिन्न । उ॰— सतगुरु तेग तरक जम काढ़ा नाक कान कर बूच ।—संत तुलसी॰, पृ॰ १९४ ।