बूझना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बूझना † क्रि॰ स॰ [हिं॰ बूझ (= बुधि)]
१. समझना । जानना । जैसे,— किसी के मन की बात बूझना । पहेली बूझना । उ॰— (क) मुझे मत बूझ प्यारे अपना दुशमन । कोई दुशमन हुआ है अपनी जाँ का ।— कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ २८ । (ख) मैंर अबूझी बूझिया, पूरी पड़ी बलाइ ।— कबीर ग्रं॰, पृ॰ ५१ ।
२. पूछना । प्रश्न करना ।