बृहत्
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
बृहत् ^१ वि॰ [सं॰] [वि॰ स्त्री॰ बृहती]
१. बहुत बड़ा । विशाल । बहुत भारी ।
२. दृढ़ । बलिष्ठ ।
३. पर्याप्त ।
५. उच्च । ऊँचा । (स्वर आदि) । विशेष— संस्कृत में संधि संबंधी नियमों के आधार पर इसके बृहच्, बृहज्, बृहड्, बृहद् और बृहत् रूप भी होते हैं । जैसे,—बृहच्चचु बृहज्जन, बृहद्भानु, बृहन्नला, आदि । इस शब्द से बननेवाले अन्य योगिक शब्दों के लिये देखिए 'बृहत्' शब्द ।
बृहत् ^२ संज्ञा पुं॰ एक मरुत् का नाम ।