बेकली

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

बेकली संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ बेकल + ई (प्रत्य॰)]

१. बेकल होने का भाव । घबराहट । बेचैनी । व्याकुलता । उ॰— रह रह इनमें क्यों रंग आ जा रहा है । कुछ सखि । इनको भी हो रही बैकली है ।— प्रिय प्र॰, पृ॰ ४३ ।

२. स्त्रियों का एक रोग जिसमें उनकी धरन या गर्भाशय अपने स्थान से कुछ हट जाता है और जिसमें रोगी को बहुत आधिक पीड़ा होती है ।