बेढ़ संज्ञा पुं॰ [सं॰ √वृध्( =वर्धन)] नाश । बरबादी । उ॰— दोरि बेढ़ सिरोंज को कीन्हों । कुंदा के गिरि डेरा दीन्हों ।— लाल (शब्द॰) । २. बोया हुआ वह बीज जिसमें अंकुर निकल आया हो । ३. दे॰ 'बेड' । मेड़ । बाढ़ ।