बेन
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बेन † संज्ञा पुं॰ [सं॰ बेणु]
१. वंशी । मुरली । बाँसुरी ।
२. सँपेरों के बजाने की तूपड़ी । भहुवर ।
३. बाँस । उ॰—केरा परे कपूर बेन तें लोचन व्याल । अहि मुख जहर समान उपल ते लोह कराला ।—पलटू॰, पृ॰ ६६ ।
४. एक प्रकार का वृक्ष । उ॰—बेन बेल अरु तिमिस तमाला ।—(शब्द॰ ) ।
बेन ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ वचन, प्रा॰ वयण, बेन] बैन । वाणी । उ॰—अंग अंग आनंद उमगि उफनत बेनन माँझ । सखी सोभ सब बसि भई मनों कि फूलो सांझ ।—पृ॰ रा॰, १४ । ५५ ।
बेन ^३ संज्ञा पुं॰ [अं॰ बेन] एक प्रकार की झ़डी जो जहाज के मस्तूल पर लगा दी जाती है और जिसके फहराने मे यह पता चलता है । कि हवा किस रुख की हैं । (लश॰) ।
बेन ^४ संज्ञा पुं॰ [अ॰ विंड] हवा । वायु । (लश॰) । यौ॰—बेनसेढ़र ।