बेरी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बेरी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ बदरी हिं॰ बेर (=फल)] एक प्रकार की लता जो हिमालय में होती है । इसके रेशों से रस्सियाँ और मछली फँसाने के जाल बनते हैं । इसे 'मुरकूल' भी कहते हैं ।
२. दे॰ 'बेर' ।
३. एक में मिली हुई सरसों और तीसी ।
४. खत्रियों की एक शाखा ।
बेरी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ बेड़ी] दे॰ 'बेड़ी' । उ॰—(क) हथ्थ हथ्थ करि प्रेम की पाइन बेरी लोन । गलै तोष अप आन की छुटयो कहत है कोन ।—पृ॰ रा॰, ६६ । ४०९ । (ख) हरि ने कुटुँब जाल में गेरी । गुरु ने काटी ममता बेरी ।—सहजो॰, बानी, पृ॰ ४ ।
बेरी ^३ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ बार (=दफा)]
१. दे॰ 'बेर' ।
२. उतना अनाज जितना एक बार चक्की में डाला जाता है । अनाज की मुट्ठी जो चक्की में डाली जाती है ।