बेली
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बेली ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ बल, राज॰ बेल (=सहायता)] साथी । संगी । जैसे, गरीबों का बेली अल्लाह है ।—(कहावत) । उ॰—(क) सोरह सै सँग चलीं सहेली । कँवल न रहा और को बेली ।—जायसी (शब्द॰) । (ख) ऐहें बैली रली रैली उचित अदन में ।—छीत॰, पृ॰ ३९ ।
बेली ^२ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक प्रकार का छोटा कँटीला वृक्ष जो ग्रीष्म में फूलता है और जाड़े में फलता है । विशेष—हिमालय में यह वृक्ष ४००० फुट तक की ऊँचाई पर मिलता है और दक्षिण भारत में भी पाया जाता है । यह गरमीके दिनों में फूलता और जाड़े में फलता है । इसके भिन्न भिन्न अंगों का व्यवहार ओषधि के रूप में होता है । इसकी लकड़ी पीले रंग की और कड़ी होती है । जावा में इसके फल कपड़ा धोनों के काम में आते हैं ।