बेसर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

बेसर पु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ बेसर] खच्चर । बेसर । उ॰—बसर ऊँठ बृषभ बहु जाती । चले वस्तु भरि अगनित भाँती ।—मानस, १ ।३० ।

बेसर पु ^२ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰]

१. स्त्रियों का नाक में पहनने का एक आभूषण । उ॰—वेसर बनी बुद्धि की सजनी, मोती बचन सुधार हो ।—कबीर श॰, भा॰ पृ॰ १३४ । †२ बेसवा । पतुरिया । उ॰—नाचं बसर बारिमुखी तहँ, परमानँद रह्यो छाई ।—भारतेंदु ग्रं॰ भा॰ २, पृ॰ ४७१ ।