बेहयाई संज्ञा स्त्री॰ [फा़॰] बेहया होने का भाव । बेशर्मी । निर्लज्जता । मुहा॰—बेहयाई का जामा वा वुरका पहनना या ओढ़ना = निर्लज्जता धारण करना । निलज्ज हो जाना । पूरा बेशर्म बन जाना । लोक लाज आदि की कुछ भी परवा न करना ।