बैरख
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बैरख संज्ञा पुं॰ [तु॰ बैरक] सेना का झंडा । ध्वजा । पताका । निशान । उ॰—घन धावन बग पाँति पटो सिर बैरख तडित सोहाई ।—तुलसी (शब्द॰) (ख) बैरख ढाल गगन गा छाई । चाल कटक धरती न समाई ।—जायसी (शब्द॰) । (ग) चलती चपलान है फेरतै फिरंगै भट, इंद्र को न चाप रूप बैरख समाज को ।—भूषण (शब्द॰) ।