बोलती संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ बोलना] बोलने की शक्ति । वाक् । वाणी । मुहा॰—बोलती बंद होना = लज्जा, शर्मं या अपराधी होने की स्थिति में होना । दुःखदि के आधिक्य से बोल न पाना । बोलती मारी जाना = बोलने की शक्ति न रह जाना । मुँह से शब्द न निकलना ।