ब्रह्मबंधु संज्ञा पुं॰ [सं॰ ब्रह्मबन्धु] १. वह ब्राह्मण जो अपने कर्म से हीन हो । पतित ब्राह्मण । २. वह जो केवल जाति से ब्राह्मण हो । जात्या ब्राह्मण ।