ब्रह्मास्त्र संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक प्रकार का अस्त्र जो मंत्र से पवित्र करके चलाया जाता था । यह अमोघ अस्त्र सब अस्त्रों में श्रेष्ठ कहा गया हे । २. एक रसोषध जो सन्निपात में दिया जाता हे । यह रस पारे, गंघक, सीगिया ओर काली मिर्च के योग से बनता हे ।