भँडरिया
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]भँडरिया ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ भडुरी] एक जाति का नाम । भडुर । विशेष—इस जाति के लोग फलित ज्योतिष या सामुद्रिक आदि की सहायता से लोगों को भविष्य बताकर अपना निर्वाह करते हैं और शनैश्चरादि ग्रहों का दान भी लेते हैं । कहीं कहीं इस जाति के लोग तीर्थों में यात्रियों को स्नान और दर्शन आदि भी कराते हैं । इस जाति के लोग माने तो व्राह्मण ही जाते हैं, पर ब्राह्मणों में बिलकुल अतिंम श्रेणी के समझे जाते है ।
भँडरिया ^२ वि॰
१. ढोंगी । पाखंडी ।
२. धूर्त । मक्कार ।
भँडरिया ^३ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ भंडार + इया (प्रत्य॰)] दीवारों अथवा उनकी संधियों में बना हुआ ताख या छोटी कोठी जिसके आगे छोटे छोटे दरवाजे लगे रहते हैं और जिसमें छोटी मोटी चीजें रखी जाती हैं । भंडरिया ।