भँभीरी

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

भँभीरी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [अनु॰] एक प्रकार का पतिंगा इसे जुलाहा भी कहते हैं । उ॰—बाल अवस्था को तुम धाई । उड़त भँभीरी पकरी जाई ।—सूर॰ (शब्द॰) । विशेष—इसकी पूँछ लंबी और पतली, रंग लाल और बिलकुल झिल्ली के समान पारदर्शक चार पर होते हैं । इसकी आँखे टिड्डी की आँखों की तरह बडी़ और ऊपर निकली रहती है । यह वर्षा के अंत में दिखाई पड़ता है और प्रायः पानी के किनारे घासों के ऊपर उड़ता है । पकडने पर यह अपने परों को हिलाकर भन भन शब्द करता है ।

भँभीरी ^२ संज्ञा स्त्री॰ फिरहरी । फिरकी । फिरेरी । उ॰—बाट असूझ अथाह गँभीरी । जिउ बाउर भा फिरै भँभीरी ।—जायसी ग्रं॰, पृ॰ १५२ ।