भँवना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

भँवना क्रि॰ अ॰ [सं॰ भ्रमण]

१. घूमना । फिरना । उ॰—(क) लंपट लुवुव मन भव से भँवत कहा करि भूरि भाव ताकी भावना भवन में ।—मतिराम (शब्द॰) । (ख) भौर ज्यों जगत निशि चातक ज्यों भँवत श्याम नाम तेरोई जपत है ।—केशव (शब्द॰) ।

२. चक्कर लगाना । उ॰— केशौदास आसपास भँक्त भँवर जल केलि में जलजमुखी जलज सी सोहिए ।—केशव (शब्द॰) ।