भँवाना पु क्रि॰ स॰ [हिं॰ भँवना]
१. घुमाना । फिराना । चक्कर देना । उ॰—(क) ग्यारे चंद्र पूर्व फिर जाय । बहु कलेस सों दिवस भँवाय ।—जायसी (शब्द॰) । (ख) तेहि अंगद कह लात उठाई । गहि पद पटकेउ भूमि भँवाई ।—तुलसी (शब्द॰) ।
२. भ्रम में डालना । उलझन में डालना ।