भंडारी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]भंडारी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ भंडार +ई (प्रत्य॰)]
१. छोटी कोठरी ।
२. कोश । खजाना ।
३. दीवाल में बनी हुई छोटी अलमारी । भंडरिया ।
भंडारी ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ भंडार + ई (प्रत्य॰)]
१. खजानची । कोषाध्यक्ष ।
२. तोशाखाने का दारोगा । भंडारे का प्रधान अध्यक्ष ।
३. रसोइया । रसोईदार ।
भंडारी ^३ संज्ञा पुं॰ [?] जैनियों की एक शाखा । उ॰—भंडारी आया परब, रायाचंद सहास ।—रा॰ ख॰, पृ॰ २२ ।