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भक्त

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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भक्त वि॰ [सं॰]

१. वाटा हुआ । भागों में बाँटा हुआ ।

२. बाँटकर दिया हुआ । प्रदत्त ।

३. अलग किया हुआ ।

४. पक्षपाती ।

५. अनुयायी ।

६. सेवा करनेवाला । भजन करनेवाला । भक्ति करनेवाला ।

भक्त संज्ञा पुं॰

१. पका हुआ चावल । भात ।

२. धन ।

३. अन्न ।

४. भाग । हिस्सा ।

५. वेतन ।

६. सेवा पूजा करनेवाला पुरुष । उपासक । विशेष—भगवदगीता के अनुसार आर्त, जिज्ञासु, अर्थार्थी और ज्ञानी चार प्रकार के भक्त तथा भागवत के अनुसार नवधा भक्ति के भेद से नौ प्रकार के भक्त माने गए हैं ।