भक्षना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

भक्षना पु क्रि॰ स॰ [सं॰ भक्षण] भोजन करना । खाना । उ॰—(क) छहूँ रसहूँ धरत आगे बहै गंध सुहाइ । और अहित अभक्ष भक्षति गिरा वरणि न जाइ ।—सूर (शब्द॰) । (ख) अति तनु धनु रेखा नेक नाकी न जाकी । खल शर खर धारा क्यों सहै तिच्छ ताकी । बिड़ कन घन घूरे भक्षि क्यों बाज जीवै । शिव सिर शशि श्री को राहु कैसे सु छीवै ।— केशव (शब्द॰) । (ग) जाति लता दुहूँ आँख रहि नाम कहै सब कोय । सूधे सुख मुख भक्षिए उलटे अंबर होय ।—केशव (शब्द॰) ।