भगलो

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

भगलो संज्ञा पुं॰ [हिं॰ भगल + ई(प्रत्य॰)]

१. ढोंगी । छली । उ॰—कोउ कहै भिच्छुक कोउ कहै भगली, अपकीरति गोहरावै ।—जग॰ श॰, पृ॰ १०९ ।

२. बाजीगर । उ॰— जाग्रत जाग्रत साँच है सोवत सपना साँच । देह गए दोऊ गए ज्यो भगली को नाच ।—कबीर (शब्द॰) ।