भग्नपाद
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
भग्नपाद संज्ञा पुं॰ [सं॰] फलित ज्योतिष के अनुसार पुनर्वसु, उत्तराषाढ़, कृत्तिका उत्तराफाल्गुनी, पूर्वभाद्रपद और विशाखा ये छह नक्षत्र जिनमें से किसी एक में मनुष्य के मरने से द्विपाद दोष लगता है । इस दोष की शांति अशौच काल के अंदर ही कराने का विधान है ।