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भड़कना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

भड़कना क्रि॰ अ॰ [अनु॰ भड़क + ना (प्रत्य॰)]

१. प्रज्वलित हो उठना । तेजी से जल उठना । जैसे, आग भड़कना ।

२. झिझिकना । चौंकना । डरकर पीछे हटना । विशेषतः घोड़े आदि पशुओं के लिये बोलते हैं ।

३. क्रुद्ध होना ।

४. बढ़ जाना । तेज होना । संयो॰ क्रि॰—उठना ।—जाना ।