भरतार

विक्षनरी से

हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

भरतार संज्ञा पुं॰ [सं॰ भर्त्ता]

१. पिति । खसम । खाविंद ।

२. स्वामी । मालिक । उ॰— मेरे तौ सदाई करतार भरतार हौ ।— घनानंद॰ पृ॰ १५७ ।