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भरनी

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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भरनी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ भरना]

१. करघे की ढरकी । नार । उ॰— सुरति ताना करै पवन भरनी भरै, माँडी प्रेम अग अंग भीनै ।— पलटू॰ बानी, पृ॰ २५ ।

२. खेतों में बीज आदि बोने की क्रिया ।

३. खेतों में पानी देने की क्रिया । सिंचाई ।

भरनी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [?]

१. छछूँदर ।

२. मोरनी ।

३. गारुडी मंत्र ।

४. एक प्रकार की जंगली बूटी ।

भरनी पु ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ भरणी] भरणी नक्षत्र । दे॰ 'भरणी' ।