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भरोसा

विक्षनरी से

भरोसा

  1. विश्वास या यक़ीन; किसी व्यक्ति या वस्तु की सच्चाई, क्षमता या सहायता पर दृढ़ विश्वास।
  2. मानसिक स्थिरता और संतोष की वह भावना जो सुरक्षा या समर्थन से उत्पन्न होती है।

(Delhi) आईपीए(कुंजी): /bʱə.ɾoː.sɑː/, [bʱə.ɾoː.s̪äː]

उदाहरण वाक्य

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  • मुझे उस पर पूरा भरोसा है।
  • भरोसे के बिना कोई भी रिश्ता नहीं टिकता।

प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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भरोसा संज्ञा पुं॰ [सं॰ वर + आशा]

१. आश्रम । आसरा ।

२. सहारा । अवलब ।

३. आशा । उम्मेद ।

४. दृढ़ विश्वास । यकीन । क्रि॰ प्र॰—करना ।—रखना । मुहा॰—भरोसे का = विश्वस्त । जिसपर यकीन किया जाय । (किसी के) भरोसे भूलना = विश्वास पर रह जाना । उ॰— यह बेजबान के भरोसे भूले हैं । आपसे अच्छा है ।— फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ २३ । भरोसे होना =आशा या उम्मीद करना । उ॰— आप जो इस भरोसे हो कि हमें तहजीब सिखाएँ तो यह खैर सलाह है ।— फिसाना॰, भा॰ १, पृ॰ ५ ।