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भाँजना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

भाँजना क्रि॰ स॰ [सं॰ भञ्जन]

१. तह करना । मोड़ना । जैसे फर्मा भाँजना ।

२. गदा, जोड़ी, मुगदर आदि घुमाना (व्यायाम) ।

३. दो या कई लड़ों को एक में मिलाकर बटना ।

४. तोड़ना । भंजन करना । उ॰— अतृपत सुत जु छुभित तब भयौ । भाजन भाँजि भवन दुरि गयौ ।— नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ २४९ ।

५. दूर करना । निरसन । उ॰— आपा भाँजिबा सतगुर बोजिवा जोग पंथ न करिबा हेला ।— गोरख॰, पू॰ ६७ ।