भांडार संज्ञा पुं॰ [सं॰ भाण्डार] १. वह स्थान जहाँ काम में आनेवाली बहुत सी चीजें रखी जाती हों । गोदाम । भंडार । २. वह जिसमें एक ही तरह की बहुत सी चीजे या बातें हों । ३. वह कोठरी जिसमें अनाज आदि रखा जाता हो । ४. खजाना । कोश ।