भागना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

भागना क्रि॰ अ॰ [सं॰ √भाज्]

१. किसी स्थान से हटने के लिये दौड़कर निकल जाना । पीछा छुड़ाने के लिये जल्दी जल्दी चले जाना । चटपट दूर हो जाना । पलायन करना । जैसे,— महल्लेवालों की आवाज सुनते ही डाकू भाग गए । संयों॰ क्रि॰—जाना ।—निकलना ।—पड़ना । मुहा॰—सिर पर पैर रखकर भागना = बहुत तेजी से भागना । जल्दी जल्दी चले जाना ।

२. टल जाना । हट जाना । जैसे,— अब भागते क्यों हो, जरा सामने बैठकर बातें करो । संयो॰ क्रि॰—जाना ।

३. कोई काम करने से बचना । पीछा छुड़ना । पिंड छुड़ाना । जैसे,— (क) आप उनके सामने जाने से सदा भागते हैं । (ख) मैं ऐसे कामों से बहुत भागता हूँ ।

४. युद्ध में हार जाना । पीठ दिखाना ।