भाट

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

भाट ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ भट्ट] [स्त्री॰ भाटिन]

१. राजाओं का यश वर्णन करनेवाला कवि । चारण । बंदी । उ॰— सुभग द्वार सब कुलिस कपाटा । भूप भीर नट मागध भाटा ।— तुलसी (शब्द॰) ।

२. एक जाति का नाम । उ॰— चली लोहारिन बाँकी नैना । भाटिन चली मधुर अति बैना ।— जायसी (शब्द॰) । विशेष— इस जाति के लोग राजाओ के यश का वर्णन और कविता करते हैं । यह लोग ब्राह्मण के अंतर्गत माने और दसौंधी आदि के नाम से पुकारे जाते हैं । इस जाति की अनेक शाखाएँ उत्तरीय भारत में बंगाल से पंजाब तक फैली हुई हैं ।

३. खुशामद करनेवाला पुरुष । खुशामदी ।

४. राजदूत ।

भाट ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] भाड़ा । किराया ।

भाट ^३ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ भाठ]

१. वह भूमि जो नदी के दो करारों के बीच में हो । पेटा/?/ ।

२. बहाव की वह मिट्टी जो नदी का चढ़ाव उतरने पर उसके किनारों पर की भूमि पर वा कछार में जमती है ।

३. नदी का किनारा ।

४. नदी का बहाव । वह रुख जिधर को नदी बहकर दूसरे बडे़ जलाशय में गिरती है । उतार । चढ़ाव का उलटा ।