भाथी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ भस्त्री, पा॰ भत्थी] १. चमड़े की धींकनी जिसे लगाकर लोहार भट्ठी की आग सुलगाते हैं । धौंकनी । उ॰— परम प्रभाती पर लोह दहैं भाथी सम, एहो बने बाथी साथी उग्रसेन सेन के ।— गोपाल (शब्द॰) ।